प्रधानमंत्री आवास योजना एक नजर में (PMAY)…..
स्लमों में 34% की दशकीय वृद्धि दर के साथ, स्लम आवासों के 18 मिलियन तक पहुंच जाने का अनुमान लगाया गया है। मिशन के अंतर्गत 2 मिलियन ग़ैर-स्लम शहरी ग़रीब परिवारों को शामिल किये जाने का प्रस्ताव है। इस प्रकार कुल परिकल्पित आवास कमी, जिसे नये मिशन के जरिये दूर किया जाना है, 20 मिलियन है। मिशन को 2015^2022 के दौरान कार्यान्वित किया जायेगा और निम्नलिखित कार्यों के लिये शहरी स्थानीय निकायों तथा अन्य कार्यान्वयन एजेंसियों को राज्यों/संघ शासित प्रदेशों के जरिये केंद्रीय सहायता उपलब्ध कराई जायेगीः
- निजी भागीदारी के जरिये संसाधन के तौर पर भूमि का उपयोग करके मौज़ूदा झुग्गी वासियों का यथा-स्थान पुनर्वास
- ऋण सम्बन्द्द सहायता
- भागीदारी में कि़फायती आवास
- लाभार्थी के नेतृत्व वाले आवास के निर्माण/विस्तार के लिये सहायता
ऋण सम्बन्द्द सहायता घटक का कार्यान्वयन एक केंद्रीय स्कीम के तौर पर किया जायेगा जबकि अन्य तीन घटक केंद्रीय प्रायोजित स्कीम (सीएसएस) के तौर पर कार्यान्वित किये जायेंगे। योजना को तीन चरणों में, 500 श्रेणी 1 शहरों पर शुरूआती फोकस के साथ 4041 सांविधिक कस्बों से युक्त संपूर्ण शहरी क्षेत्र को शामिल किया जायेगा। स्कीम के ऋण सम्बन्द्द सहायता घटक को शुरूआत से ही देश भर में सभी सांविधिक कस्बो में कार्यान्वित किया जायेगा। सहकारी संघवाद की भावना में, मिशन राज्यों के लिये अपने राज्यों में आवास की मांग को पूरा करने के लिये मिशन के चार कार्य-क्षेत्रों में से श्रेष्ठ विकल्पों को चुनने की छूट होगी। मिशन के दिशानिर्देशों के अनुरूप परियोजना तैयार करने और अनुमोदन की प्रक्रिया राज्यों पर छोड़ दी जायेगी ताकि परियोजनाएं तेज़ी से तैयार, अनुमोदित और कार्यान्वित की जा सकें। आवासों के तेज़ी से और गुणवत्तापूर्ण निर्माण के लिये आधुनिक, अभिनव और हरित प्रौद्योगिकियों तथा निर्माण सामग्री अभिग्रहण में सुविधा के लिये मिशन के अधीन एक प्रौद्योगिकी उप-मिशन की स्थापना की जायेगी। प्रौद्योगिकी उप-मिशन विभिन्न भू-जलवायु क्षेत्रों के लिये उपयुक्त लेआउट डिज़ाइनों और भवन योजनाओं को तैयार और अभिग्रहण करने में भी सुविधा प्रदान करेगा। यह आपदा प्रतिरोधी और पर्यावरण अनुकूल प्रौद्योगिकियां लागू करने में भी राज्यों/शहरों की सहायता करेगा।